नाभिकीय विघटन क्या होता है ?| नाभिकीय विघटन के प्रकार |Nuclear Decay Details in Hindi

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नाभिकीय विघटन कक्या होता है ? नाभिकीय विघटन के प्रकार 

नाभिकीय विघटन क्नाया होता है ?| नाभिकीय विघटन के प्रकार |Nuclear Decay Details in Hindi


नाभिकीय विघटन क्नाया होता है ? 

किसी तत्त्व के परमाणु नाभिक के विघटित होने को नाभिकीय विघटन कहते है । रेडियोएक्टिव तत्त्वों में नाभिकीय विघटन स्वत: होता हैं जबकि अन्य तत्त्वों में तीव्रगामी कणों की बौछार कराके कृत्रिम रुप से नाभिकीय विघटन कराया जाता है।

 

नाभिकीय विघटन के प्रकार

 

एल्फा विघटन

एल्फा कण या हीलियम (He) नाभिक के उत्सर्जन की प्रक्रिया को एल्फा विघटन कहते है। एल्फा कण में दो प्रोटान तथा दो न्यूट्रॉन होते हैं अतः किसी नाभिक से एल्फा कण के उत्सर्जन से उसके द्रव्यमान व आवेज़ में दो कमी होती | है अर्थात् तत्त्व के परमाणु क्रमांक में दो तथा भार में चार अंकों की कमी हो जायेगी। कणों का विघटन उन भारी नाभिकों में होता है जहां प्रोटान तथा नाभिक के बीच का विद्युत स्थैतिक प्रतिकर्षण बल बहुत अधिक होता है। इस क्रिया में ऊर्जा  उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा गतिज के रुप में परिवर्तित हो जाती है।

 

बीटा विघटन

यह ऋणावेषित इलेक्ट्रान कण है अतः इसके विघटन के पश्चात् नाभिक का परमाणु क्रमांक एक यूनिट बढ़ जाता है परन्तु परमाणु द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है। इस प्रक्रिया में समभारी ( Isobars) उत्पन्न होते है। इस प्रक्रिया में नाभिक का द्रव्यमान बढ़ रहा है, अतः आइंसटीन के सिद्धान्त के अनुसार द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित होगा और ऊर्जा उत्पन्न होगी।

 

गामा विघटन विघटन

ये विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जो नाभिकीय आवेष के पुनर्वितरण से उत्पन्न होती । है। गामा किरणें ऊर्जा फोटॉन होती है। परन्तु गामा किरणों की तरंग दैर्ध्य, फोटानो की तरंग दैर्ध्य से काफी छोटी होती है। गामा कणों के उत्सर्जन से नाभिक के आवेज तथा द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता परन्तु इलेक्ट्रानिक विन्यास बदल जाता है।

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