वर्ग या समूह विस्थापन नियम, अर्द्ध आयु किसे कहते हैं
वर्ग या समूह विस्थापन नियम
➡ जब रेडियोएक्टिव तत्त्व के परमाणु में से एक एल्फा कण निकलता है तो नये परमाणु का परमाणु भार पहले परमाणु से 4 इकाई कम हो जाता है तथा इसका परमाणु क्रमांक पहले से 2 इकाई कम हो जाता है। ऐसे में निर्मित तत्त्व का आवर्त सारणी में स्थान पूर्व की अपेक्षा दो स्थान बांयी ओर चला जाता है।
➡ जब रेडियोएक्टिव तत्त्व के परमाणु में से एक बीटा कण निकलता है तो नये परमाणु के आवेश ( परमाणु क्रमांक) में एक इकाई की वृद्धि हो जाती हैं बीटा कण का भार नगण्य होता है अतः नये परमाणु भार में कोई परिवर्तन नहीं होता है। आवर्त सारणी में नया परमाणु एक स्थान दायीं ओर चला जाता है।
अर्द्ध आयु किसे कहते हैं ( Half Life Period )
किसी रेडियोएक्टिव तत्त्व की प्रारम्भिक मात्रा का आधा भाग विघटित होने में जितना समय लगता है, उसे तत्त्व की अर्द्ध आयु कहते हैं इसे 1/2 से प्रदर्शित किया जाता है। रेडियोएक्टिव पदार्थ की अर्द्ध आयु कुछ सेकेण्डों से लेकर लाखों वर्षों तक हो सकती है।
कुछ तत्त्वों की अर्द्ध आयु निम्नवत् है
जीवाश्मों मृत पेड़ पौधों आदि की आयु का अंकन (Dating) कार्बन के द्वारा तथा पृथ्वी व पुरानी चट्टानों आदि की आयु का अंकन यूरेनियम के द्वारा किया जाता है।