सीमेंट किसे कहते हैं अर्थ एवं परिभाषा
सीमेंट किसे कहते हैं अर्थ एवं परिभाषा
सीमेंट एक अत्यधिक महीन चूर्ण होता है, जो पानी के साथ मिलने पर ठोस बन जाता है और कठोर रुप धारण कर लेता है। प्रारम्भिक मिस्रवासियों ने भवन निर्माण में प्रयोग किया जाने वाला एक ऐसा पदार्थ बनाया था जिसमें चूना, चिकनी मिट्टी या जिप्सम होता था और जो आधुनिक सीमेंट जैसा ही था। रोमवासियों ने भी चुने तथा ज्वालामुखी राख से सीमेंट तैयार किया, जिसका प्रयोग यूरोप में ईंटों तथा पत्थरों को जोड़ने के लिए किया जाता था।
सन् 1824 में एक ब्रिटिज़ | इंजीनियर जोसेफ एस्पडीन ने चूना पत्थर तथा चिकनी मिट्टी से एक जोड़ने वाला ऐसा नया पदार्थ बनाया जो अधिक | शक्तिजाली तथा जलरोधी था । उसने इसे पोर्टलैंड सीमेंट कहा, क्योंकि यह रंग में पोर्टलैंड के चूना पत्थर से मिलता जुलता था।
चूना पत्थर तथा चिकनी मिट्टी से सीमेंट बनानें के लिए चार मूल संघटकों कैल्सियम कार्बोनेट (चूना पत्थर से) | सिलिका ऐलुमिना तथा आयरन ऑक्साइड (चिकनी मिट्टी) की आवश्यकता होती है। पोर्टलैंड सीमेंट बनाने के लिए चूना पत्थर तथा चिकनी मिट्टी को चूर्ण के रूप में पीसा जाता है। इसके पश्चात् इच्छित अनुपात में उन्हें मिलाकर घूर्णी भट्टी में उच्चताप पर गर्म किया जाता हैं। प्राप्त उत्पाद जिसे क्लिन्कर कहते हैं, को साधारण ताप पर ठण्डा कर लिया जाता है। क्लिन्कर की थोडी मात्रा में जिप्सम मिलाकर पीसा जाता है। यह पाउडर सीमेंट देर में जमता है। इसका उपयोग अधिक सुविधाजनक हो जाता है। परन्तु दरारों में भरने के अतिरिक्त यह बहुत ही कम प्रयोग किया जाता है। साधारणतया इसे किसी पूरक पदार्थ, जिसे एग्रीगेट कहते है, के साथ मिलाकर प्रयोग किया जाता है। जब इसे बजरी के साथ मिलाकर जमने दिया | जाता है। जब इसे बजरी के साथ मिलाकर जमने दिया जाता है, जो यह कन्क्रीट बनाता है।
भारत में सीमेंट का इतिहास
- ध्यातव्य है कि वर्ष 1824 में इंग्लैंड के पोर्टलैंड में सीमेंट का आविष्कार हुआ।
- भारत में प्रथम सीमेंट कारखाना वर्ष 1904 में गुजरात के पोरबंदर में स्थापित किया गया, परंतु सीमेंट का उत्पादन वर्ष 1904 में चेन्नई में स्थापित कारखाने में प्रारंभ हुआ, हालाँकि यह सफल नहीं हो पाया।
- गौरतलब है कि चेन्नई में स्थापित सीमेंट का पहला कारखाना सीपियों पर आधारित था।
- गौरतलब है कि वर्ष 1912-13 में पोरबंदर (गुजरात) में पहले सफल कारखाने की स्थापना की गई ।
- इसके पश्चात् वर्ष 1914 में कटनी (मध्य प्रदेश) में कटनी सीमेंट एंड इंडस्टिूयल कंपनी ने तथा वर्ष 1916 में बूँदी पोर्टलैंड सीमेंट कंपनी लखेरी (राजस्थान) ने सीमेंट उत्पादन प्रारंभ किया।
- वर्ष 1922-23 तक 6 और नयी कंपनियाँ द्वारिका (गुजरात), जालपा (बिहार), वनमोर, मेहगांव, कैमूर (मध्य प्रदेश) तथा शाहबाद (कनार्टक) में स्थापित की गयी।
- वर्ष 1924 में भारत सरकार द्वारा सीमेंट उद्योग को संरक्षण प्रदान किया गया।
- वर्ष 1947 तक भारत में सीमेंट उत्पादन के 18 कारखानों की स्थापना की गई जिनकी उत्पादन क्षमता 21.15 लाख टन तथा वास्तविक उत्पादन 21.16 लाख टन थी।
- स्वतंत्रता पश्चात वर्ष 1950-51 में भारत द्वारा स्थापित कारखानों का सीमेंट उत्पादन 27 लाख टन था।
- स्वतंत्रता पश्चात् योजना काल में सीमेंट उद्योग ने तेज़ी से विकास किया क्योंकि निर्माण कार्य तेजी से होने के फलस्वरूप सीमेंट की मांग में वृद्धि हुई। फिर भी सीमेंट का उत्पादन समान अनुपात में नहीं बढ़ सका।