काँच का अर्थ एवं परिभाषा एवं प्रकार |काँच में रंग रंग देने वाले पदार्थ | Glass and Types Chemistry

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काँच का अर्थ एवं परिभाषा एवं प्रकार

काँच का अर्थ एवं परिभाषा एवं प्रकार |काँच में रंग रंग देने वाले पदार्थ | Glass and Types Chemistry
 


काँच का अर्थ एवं परिभाषा एवं प्रकार  

साधारण काँचसिलिका (SiO2), सोडियम सिलिकेट (Na2SiO3) और कैल्सियम सिलिकेट का ठोस विलयन (मिश्रण) होता है। अन्य प्रकार के काँच भी विभिन्न सिलिकेटों के ठोस विलयन होते है। काँचअक्रिस्टलीग ठोस के रुप मे एक अतिशीतित द्रव है। इसलिए काँच की क्रिस्टलीय संरचना नहीं होती और न ही उसका कोई निश्चित गलनांक होता है। काँच का कोई निश्चित रासायनिक संघटन या सूत्र नहीं होता हैक्योंकि काँच मिश्रण हैयौगिक नहीं। साधारण काँच का औसत संघटन Na2SiO2, CaSiO3. 4SiO2 होता है।

 

काँच में रंग रंग देने वाले पदार्थ 

काँच में रंग देने के लिए अल्प मात्रा में धातुओं के यौगिक (रंगीन) मिलाये जाते है।

 

 

1. कोबाल्ट ऑक्साइड -गहरा नीला 

2. सोडियम क्रोमेट या नैरस ऑक्साइड - हरा रंग 

3. सिलेनियम ऑक्साइड- नारंगी लाल 

4. फैरिक लवण या सोडियम यूरेनेट- पीला रंग 

5. गोल्ड क्लोराइड - पीला रंग 

6. कैडमियम सलाइड- चटक लाल 

7. क्यूप्रिक लवण- नीला

 

काँच का अनीलन 

काँच की वस्तुओं को बनाने के बाद विशेष प्रकार की भट्ठियों में धीरे धीरे ठंडा करते है। इस क्रिया को कांच का अनीलीकरण कहते है।

 

काँच के प्रकार ( Types of Glass) 

काँच कई प्रकार के होते है। कुछ मुख्य प्रकार के काँच निम्नलिखित हैं - 


मृदु काँच 

यह सोडा चूना होता है। गर्म करने पर यह आसानी से कम ताप पर मृदु पड़ जाता हैं इसका उपयोग खिड़की के काँचबोतलपरखनली व अन्य उपकरण बनाने में किया जाता है। 

कठोर काँच 

यह पोटाश चूना काँच होता है। इसका नर्म होने का ताप मृदु काँच से अधिक होता है।

 

फ्लिन्ट काँच

यह सोडियम कार्बोनेटपोटैशियम कार्बोनेटलेड कार्बोनेटबोरिक अम्ल और सिलिका से बनाया जाता है। इसका उपयोग प्रिज्म तथा प्रकाशिक तन्त्रों के लेन्स बनाने में होता है।

 

क्रुक्स काँच

इस काँच में प्रतिक्रिया नहीं करने वाले धातुओं के ऑक्साइड होते है। इसका उपयोग चश्मों के लेन्स बनाने में किया जाता है।

 

पाइरैक्स काँच 

यह मुख्यत: सोडियम और एल्यूमिनियम के बोरोसिलिकेट का मिश्रण होता है। इसका प्रसार गुणांक बहुत कम होता है। यह ताप के आकस्मिक परिवर्तन से टूटता नहीं है। प्रयोगशाला के उच्च कोटि के उपकरण बनाने में यह काँच प्रयुक्त होता है।

 

पट्टिका काँच 

यह साधारण काँच से काफी मोटा होता है और इसका उपयोग दुकानों की खिड़कियों तथा दरवाजे बनाने में होता है। 


स्तरित काँच या गोलीरोधी काँच

यह सुरक्षित काँच से भी अधिक प्रबल होता है। इसे सुरक्षित काँच की कई  परतों को किसी पारदर्शी आसंजक द्वारा एक दूसरे से जोड़कर बनाया जाता है। इस काँच को बनाने में जितनी अधिक परतों का प्रयोग किया जाता हैवह काँच उतना ही अधिक प्रबल होता हैं इस प्रकार के काँच के पृष्ठ पर पड़ी दरार आसंजक परत पर समाप्त हो जाती है। और इसका फैलाव रुक जाता है। स्तरित काँच का उपयोग वायुयानों एवं कार के वात प्रतिरक्षी शीशों और गोलीरोधी पदों के निर्माण में किया जाता है।

 

प्रकाशीय काँच

यह विशेष विधियों द्वारा बनाया जाता है। ताकि इसमें किसी भी प्रकार की विकृति अथवा दोष न रहे। इस प्रकार के कांच का उपयोग चश्मासूक्ष्मदर्शीदूरदर्शक कैमरोंप्रिज्मों तथा अन्य प्रकाशिक यंत्रों के लेन्सों के निर्माण में होता है।

 

तापरोधी काँच

तापरोधी काँच का ऊष्मीय प्रसार गुणांक कम होता है। ऐसा सोडियम ऑक्साइड गालक हो बोरिक ऑक्साइड द्वारा और कुछ चूने को ऐलयना द्वारा विस्थापित करके किया जाता है। इस विधि द्वारा निर्मित काँच को बोरोसिलीकेट काँच कहते है। इसका गलनाँक उच्च होता है और यह ऊष्मा सहने की क्षमता रखता है। इस प्रकार का काँच प्रयोगशालाओं कारखानोंरसोईघरों तथा भट्टियों में किया जाता है।


लैड क्रिस्टल 

काँच यह एक विशेष प्रकार का काँच होता हैजिसके निर्माण में लेड ऑक्साइड (PbO) का प्रयोग किया जाता है। लेड काँच का उच्च अपवर्तनांक हैजिसके कारण यह चमकता है। इसका उपयोग उत्तम कलात्मक वस्तुओं तथा काँच के महंगे उपकरणों के निर्माण में किया जाता है।

 

फोटोक्रोमैटिक काँच

फोटोक्रोमैटिक काँच एक विशेष प्राकर का काँच होता है जो प्रकाश की उपस्थिति में। अस्थायी रुप से गहरे रंग का हो जाता है। अतः धूप से बचने के लिए यह बहुत उपयोगी है। ऐसा काँच में उपस्थित सिल्वर आयोडाइड के लवण के कारण होता है।

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