वनस्पति विज्ञान की प्रमुख शाखायें
वनस्पति विज्ञान की प्रमुख (Branches of Botany) शाखायें
वनस्पति विज्ञान के अन्तर्गत पौधों से सम्बधित सभी प्रकार का विस्तृत अध्ययन किया जाता है। जिससे इसे अनेक शाखाओं में विभाजित किया गया है।
अध्ययन की सुविधा के लिए इन शाखाओं को निम्नलिखित चार
श्रेणियों में विभक्त किया गया
(A) मौलिक वनस्पति विज्ञान (Fundamental Botany)
1. वर्गिकी (Taxonomy):
इसमें पौधों की पहचान (Identification), नामकरण (Nomenclature) तथा वर्गीकरण (Classification) का अध्ययन किया जाता है।
2. आकारिकी (Morphology):
इसमें पौधों तथा उनके विभिन्न अंगों के बाहरी रूप, आकार और संरचना का अध्ययन किया जाता है।
3. शारीरिकी (Anatomy):
इसमें विभिन्न सेक्शन काट कर पौधों के अंगों की बाहरी रुप, आकार एवं संरचना का अध्ययन किया जाता है।
4. औतिकी (Histology):
इसके अन्तर्गत पौधों में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतकों का अध्ययन किया जाता है।
5. शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology):
इसके अन्तर्गत पौधों में वाली सभी जैविक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
6. कोशिका विज्ञान (Cytology):
इसके अन्तर्गत कोशिका की कोशिकांगों और उनके कार्यों (Function) का अध्ययन किया जाता है।
7. आनुवंशिकी (Genetics) :
इसके अन्तर्गत माता-पिता के गुणों (hereditary characters) का सन्तानों में स्थानान्तरण तथा उनमें पायी जाने वाली विभिन्नताओं (Variation) का अध्ययन किया जाता है।
8. पारिस्थितिकी (Ecology):
इसके अन्तर्गत जीवधारी और उनके वातावरण के बीच पारस्परिक (reciprocal) सम्बंधों का अध्ययन किया जाता है।
9. भ्रूण विज्ञान (Embryology):
इसमें पौधों की जनन क्रियाओं (reproductive processes) एवं भ्रूण (embryo) विकास का अध्ययन किया जाता है।
10. पादप प्रजनन (Plant Breeding):
इसमें संकरण की विधि का अध्ययन किया जाता है।
11. वनस्पति भूगोल (Phytogeography or Plant Geography):
इसके अन्तर्गत पृथ्वी पर पौधों का वितरण (distribution) और सम्बंधित कारणों का अध्ययन किया जाता है।
12. पुरावनस्पति विज्ञान (Palaeobotany):
इसमें पौधों के
जीवाश्मों (Fossils) का बनना और उनके
वाह्य तथा आन्तरिक संरचना का अध्ययन किया जाता है।
13. पादप रोग-विज्ञान (Plant Pathology):
इसके अन्तर्गत
पौधों में रोग उत्पन्न लक्षण (symptoms), रोग उत्पन्न करने वाले जीवधारी (Pathogens) तथा रोगों के
रोकथाम (Control) का अध्ययन किया
जाता है।
14. भेषजगुण विज्ञान (Pharmacology):
इसमें दवाइयों से औषधियाँ बनाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है।
15. आर्थिक वनस्पति विज्ञान (Economic Botany):
इसके अन्तर्गत पौधों से मिलने वाली अनेक प्रकार की उपयोगी
वस्तुएं और पदार्थ जैसे- अनाज, दालें, तेल,
औषधियाँ, इत्यादि तथा इन
पौधों का वितरण, उन्हें उगाने (Cultivation) की विधियाँ आदि
का अध्ययन किया जाता है।
[B] विशिष्ट वनस्पति शास्त्र (Specialized Botany)
1. शैवाल विज्ञान इसके अन्तर्गत शैवालों (algae) का अध्ययन करते हैं।
2. कवक विज्ञान (Mycology): इसके अन्तर्गत कवकों (Fungi) का अध्ययन करते हैं।
3. ब्रायोलाजी (Bryology): इसके अन्तर्गत ब्रायोफाइट का अध्ययन किया जाता है । .
4. टेरिडोफाइटा विज्ञान (Pteridogy): इसके अन्तर्गतटेरिडोफाइटा का अध्ययन करते हैं।
5. जीवाणु विज्ञान (Bacteriology): इसके अन्तर्गत जीवाणुओं का (Bacteria) का अध्ययन करते हैं।
6. विषाणु विज्ञान (Virology): विषाणुओं (Viruses) का अध्ययन करते
हैं।
[C] जीव विज्ञान से सम्बंधित शाखायें (Branches Related to Biology)
1. जैव रसायन (Biochemistry): इसमें जीवधारियों के रासायनिक घटक तथा रासायनिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं।
2. जैव सांख्यिकी (Biometrics): इसमें जैविक क्रियाओं और उनके परिणामों का गणित तथा सांख्यिकी द्वारा विश्लेषण करते हैं।
3. जीव भौतिकी (Biophysics): भौतिक सिद्वान्तों (Principles) तथा विधियों (Methods) के आधार पर जैविक क्रियाओं और संरचनाओं का अध्ययन करते हैं।
4. सूक्ष्म जैविकी (Microbiology): इसमें सूक्ष्म जीवों (Micro-organisms) का अध्ययन करते हैं।
5. आण्विक जीव-विज्ञान (Molecular Biology): जीवधारियों में पाये जाने वाले अणुओं का रासायनिक स्तर पर अध्ययन करते हैं।
6. आनुवंशिकी
इंजीनियरी (Genetic
Engineering): आनुवंशिक पदार्थो को तोड़कर जोड़कर, अलग कर, अथवा बदल करके
नये संयोजन (recombination)
बनाकर नये
आनुवंशिक लक्षणों वाले जीवधारियों के कृत्रिम रूप से निर्माण का अध्ययन करते हैं।
[D] कुछ अन्य सम्बंधित शाखायें (Some Other Related Branches)
1. शस्य विज्ञान (Agronomy):
इसमें फसलों के
उगाने से सम्बंधित (Field
crops) तथा मृदा प्रबन्धन (Soil management) का अध्ययन करते हैं।
2. वृक्ष संवर्धन (Arboriculture):
इसमें सजावटी
वृक्ष (Ornamental trees)
तथा झाड़ियों (Shrubs) के उगाने (Cultivations) का अध्ययन करते
हैं।
3. उद्यान कृषि (Horticulture):
उद्यानों में फलों, सब्जियाँ, सजावटी पुष्प तथा पौधों के संवर्धन का अध्ययन करते हैं।
4. पुष्प कृषि (Floriculture):
इसमें सजावटी पुष्पों (Ornamental flowers) के संवर्धन का अध्ययन करते हैं ।
5. फल संवर्धन (Pomology): इसमें फलों के संवर्धन का अध्ययन करते हैं।
6. सब्जियों की कृषि (Olericulture): इसमें सब्जियों का अध्ययन करते हैं।
7. वानिकी (Forestry ): इसमें वनों का विकास (development), देख-रेख (Care) तथा संवर्धन का अध्ययन करते हैं।
8. वन वर्धन (Silviculture): इसमें वनों के विकास तथा देख-रेख का अध्ययन करते
9. पोलेनोलॉजी (Polenology): इसमें परागकणों
का अध्ययन करते हैं।