भौतिक जगत महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर | Physics World Question Answer

Admin
0

 भौतिक जगत महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 

भौतिक जगत महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर | Physics World Question Answer

प्रश्न 1. विज्ञान की प्रकृति से सम्बन्धित कुछ अत्यन्त पारंगत प्रकथन आज तक के महानतम वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टाइन द्वारा प्रदान किए गए हैं। आपके विचार से आइंस्टाइन का उस समय क्या तात्पर्य था, जब उन्होंने कहा था "संसार के बारे में सबसे अधिक अबोधगम्य विषय यह है कि यह बोधगम्य है"? 

उत्तर- 

  • जब हम अपने चारों ओर का भौतिक जगत देखते हैं तो वह अनेक अद्भुत घटनाओं से भरा हुआ है। ये घटनाएँ हमारे समझ से बाहर हैं, परन्तु जब इन घटनाओं का अध्ययन एवं विश्लेषण, विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है तब हमें ज्ञात होता है कि ये घटनाएँ, चाहे वे परमाण्विक हों या खगोलीय, की व्याख्या कुछ मूलभूत नियमों के द्वारा की जा सकती है। जिसके कारण अब यह संसार बोधगम्य प्रतीत होता है। यह ही आइंस्टाइन के उपरोक्त विचार का तात्पर्य था।

 

प्रश्न 2. "प्रत्येक महान भौतिक सिद्धान्त अपसिद्धान्त से आरम्भ होकर धर्मसिद्धान्त के रूप में समाप्त होता है। इस तीक्ष्ण टिप्पणी की वैधता के लिए विज्ञान के इतिहास से कुछ उदाहरण लिखिए। 

उत्तर- 

  • यह टिप्पणी सत्य है। इतिहास में, पॉलमी के अनुसार पृथ्वी स्थिर है तथा अन्य सभी आकाशीय पिण्ड जैसे सूर्य, तारे तथा चन्द्रमा उसके चारों ओर परिक्रमण करते हैं। बाद में गैलीलियो के सिद्धान्त के अनुसार, सूर्य स्थिर है तथा पृथ्वी व अन्य ग्रह उसके चारों ओर परिक्रमण करते हैं। इसके उपरान्त न्यूटन तथा केपलर के इस सिद्धान्त को सहमति प्रदान करने पर यह धर्मसिद्धान्त में परिवर्तित हो गया।

 

प्रश्न 3.  "सम्भव की कला ही राजनीति है। इसी प्रकार "समाधान की कला ही विज्ञान है"। विज्ञान की प्रकृति तथा व्यवहार पर इस सुन्दर सूक्ति की व्याख्या कीजिए। 

उत्तर - 

  • राजनीति में चुनाव जीतने के लिए सब कुछ सम्भव है, परन्तु विज्ञान में ऐसा नहीं है। विज्ञान में प्रेक्षणों का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है। वैज्ञानिक इन प्रेक्षणों का तर्कपूर्वक विश्लेषण करते हैं। इसलिए इन आधारों पर कुछ सिद्धान्तों या नियमों का निर्धारण करते हैं। अतः यह कहा जा सकता है कि "समाधान की कला ही विज्ञान है"।

 

प्रश्न 4. यद्यपि अब भारत में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का विस्तृत आधार है तथा यह तीव्रता से फैल भी रहा है, परन्तु फिर भी इसे विज्ञान के क्षेत्र में विश्व नेता बनने की अपनी क्षमता को कार्यान्वित करने में काफी दूरी तय करनी है। ऐसे कुछ महत्वपूर्ण कारक लिखिए जो आपके विचार से भारत में विज्ञान के विकास में बाधक रहे हैं?

 

उत्तर - भारत में विज्ञान के विकास में बाधक कुछ महत्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं : 

(i) विज्ञान शिक्षा का दोषपूर्ण प्रबन्धन । 

(ii) अनुसंधान के लिए संसाधनों एवं धन की कमी। 

(iii) ग्रामीण क्षेत्रों का शिक्षा का भाग न बनना, जिसके कारण अधिक संख्या में लोगों का नयी तकनीकों से अवगत न होना।

 (iv) प्रतिभाशाली तथा अधिक शिक्षित लोगों का पलायन। 

v) प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अपेक्षा प्रशासनिक एवं राजनिति की ओर झुकाव ।

 

प्रश्न 5. किसी भी भौतिक विज्ञानी ने इलेक्ट्रॉन के कभी भी दर्शन नहीं किए हैं। परन्तु फिर भी सभी भौतिक विज्ञानियों का इलेक्ट्रॉन के अस्तित्व में विश्वास है। कोई बुद्धिमान परन्तु अंधविश्वासी व्यक्ति इसी तुल्यरूपता को इस तर्क के साथ आगे बढ़ाता है कि यद्यपि किसी ने 'देखा' नहीं है परन्तु 'भूतों' का अस्तित्व है। आप इस तर्क का खंडन किस प्रकार करेंगे

उत्तर - इलेक्ट्रॉन के कभी भी दर्शन नहीं किए गए, परन्तु इसका अस्तित्व प्रायोगिक परिणामों के आधार पर सिद्ध किया गया है, उदाहरण के लिए विद्युत् । इसके अतिरिक्त भूतों को भी कभी नहीं देखा है। ऐसी कई घटनाएँ तथा विचार हैं, परन्तु वैज्ञानिक आधार पर भूतों के अस्तित्व की व्याख्या का प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है।

 

प्रश्न 6. जापान के एक विशेष समुद्र तटीय क्षेत्र में पाए जाने वाले केकड़े के कवचों (खोल) में से अधिकांश समुरई के अनुश्रुत चेहरे से मिलते-जुलते प्रतीत होते हैं। नीचे इस प्रेक्षित तथ्य की दो व्याख्याएँ दी गई हैं। इनमें से आपको कौन-सा वैज्ञानिक स्पष्टीकरण लगता है? 

(i) कई शताब्दियों पूर्व किसी भयानक समुद्री दुर्घटना में एक युवा समुरई डूब गया। उसकी बहादुरी के लिए श्रद्धांजलि के रूप में प्रकृति ने अबोधगम्य ढंगों द्वारा उसके चेहरे को केकड़े के कवचों पर अंकित करके उसे उस क्षेत्र में अमर बना दिया। 

(ii) समुद्री दुर्घटना के पश्चात् उस क्षेत्र के मछुआरे अपने मृत नेता के सम्मान में सद्भावना प्रदर्शन के लिए, उस हर केकड़े के कवच को जिसकी आकृति संयोगवश समुरई से मिलती-जुलती प्रतीत होती थी, उसे वापस समुद्र में फेंक देते थे। परिणामस्वरूप केकड़े के कवचों की इस प्रकार की विशेष आकृतियाँ अधिक समय तक विद्यमान रहीं और इसीलिए कालान्तर में इसी आकृति का आनुवंशतः जनन हुआ। यह कृत्रिम वरण द्वारा विकास का एक उदाहरण है।

 

प्रश्न 7. दो शताब्दियों से भी अधिक समय पूर्व इंग्लैण्ड तथा पश्चिमी यूरोप में जो औद्योगिक क्रांति हुई थी उसकी चिंगारी का कारण कुछ प्रमुख वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक उपलब्धियाँ थीं। ये उपलब्धियाँ क्या थीं? 

उत्तर- दो शताब्दियों से भी पूर्व इंग्लैण्ड तथा पश्चिमी यूरोप में हुई औद्योगिक क्रांति का कारण कुछ प्रमुख वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक उपलब्धियाँ थी। जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं :

 

(i) भाप इंजन का आविष्कार। 

(iii) तोपों और बन्दूकों का निर्माण व विस्फोटक रसायनों की खोज। 

(iv) ब्लास्ट फरनेस (Blast furnace) का अविष्कार।

 

प्रश्न 8. प्रायः यह कहा जाता है कि संसार अब दूसरी औद्योगिक क्रांति के दौर से गुजर रहा है, जो समाज में पहली क्रांति की भाँति आमूल परिवर्तन ला देगी। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के उन प्रमुख समकालीन क्षेत्रों की सूची बनाइए जो इस क्रांति के लिए उत्तरदायी हैं।

 

उत्तर - संसार में दूसरी औद्योगिक क्रांति के लिए उत्तरदायी कुछ परिवर्तन निम्न प्रकार हैं : 

(i) जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) का विकास । 

(ii) कृत्रिम उपग्रहों तथा अंतरिक्ष विज्ञान का विकास। 

(iii) सुपर कम्प्यूटर्स तथा रोबॉट्स का निर्माण। 

(iv) दूरसंचार के क्षेत्र में विकास।

 

प्रश्न 9. बाईसवीं शताब्दी के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पर अपना निराधार कल्पनाओं को आधार मानकर लगभग 1000 शब्दों में कोई कथा लिखिए। 

उत्तर - यह प्रश्न विद्यार्थियों की वैज्ञानिक कल्पना पर आधारित है तथा आने वाले 100 वर्षों में विज्ञान के विकास के प्रति पूर्णतः आपके दृष्टिकोण पर आधारित है। लेखक का लक्ष्य इस प्रश्न का उत्तर या किसी घटना का प्रत्यक्ष उदाहरण देना नहीं है बल्कि विज्ञान तथा विकास के क्षेत्र, जैसे-चिकित्सा विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, भू-भौतिकी, सूचना-प्रौद्योगिकी आदि के प्रति विद्यार्थी अपने दृष्टिकोण को स्वयं अपने शब्दों में लिखें।

 

प्रश्न 10. 'विज्ञान के व्यवहार' पर अपने 'नैतिक' दृष्टिकोणों को रचने का प्रयास कीजिए। कल्पना कीजिए कि आप स्वयं किसी संयोगवश ऐसी खोज में लगे हैं जो शैक्षिक दृष्टि से रोचक है, परन्तु उसके परिणाम निश्चित रूप से मानव समाज के लिए भयंकर होने के अतिरिक्त कुछ नहीं होंगे। फिर भी यदि ऐसा है तो आप इस दुविधा के हल के लिए क्या करेंगे? 

उत्तर - प्राकृतिक घटनाओं का सुव्यवस्थित तथा क्रमबद्ध अध्ययन करना एवं इससे प्राप्त ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। विज्ञान के व्यवहार का उपयोग दोनों ही रचनात्मक तथा विध्वंसक कार्यों में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, नाभिकीय विखण्डन तथा नाभिकीय संलयन की खोज द्वारा जहाँ एक ओर इसके रचनात्मक उपयोग द्वारा ऊर्जा स्रोत के नवीन द्वार खुले हैं वहीं दूसरी ओर इसके विनाशकारी उपयोग द्वारा परमाणु बम तथा हाइड्रोजन बम का निर्माण सम्भव हो सका है जिनसे क्षणभर में सम्पूर्ण विश्व को नष्ट किया जा सकता है। यह जिम्मेदारी किसी भी खोज पर कार्य कर रहे वैज्ञानिक की है कि वह उस खोज के सभी सकारात्मक तथा नकारात्मक परिणामों की शिक्षा समाज को दें। 


प्रश्न 11. किसी भी ज्ञान की भाँति विज्ञान का उपयोग भी, उपयोग करने वाले पर निर्भर करते हुए, अच्छा अथवा बुरा हो सकता है। नीचे विज्ञान के कुछ अनुप्रयोग दिए गए हैं। विशेषकर कौन-सा अनुप्रयोग अच्छा है, बुरा है अथवा ऐसा है कि जिसे स्पष्ट रूप से वर्गबद्ध नहीं किया जा सकता इसके बारे में अपने दृष्टिकोणों को सूचीबद्ध कीजिए :

 

(i) आम जनता को चेचक के टीके लगाकर इस रोग को दबाना और अंततः इस रोग से जनता को मुक्ति दिलाना। (भारत में इसे पहले ही प्रतिपादित किया जा चुका है।) 

(ii) निरक्षरता का विनाश करने तथा समाचारों एवं धारणाओं के जनसंचार के लिए टेलीविजन । 

(iii) जन्म से पूर्व लिंग निर्धारण। 

(iv) कार्यदक्षता में वृद्धि के लिए कम्प्यूटर। 

(v) पृथ्वी के परितः कक्षाओं में मानव निर्मित उपग्रहों की स्थापना। 

(vi) नाभिकीय शस्त्रों का विकास। 

(vii) रासायनिक तथा जैव युद्ध की नवीन तथा शक्तिशाली तकनीकों का विकास। 

(viii) पीने के लिए जल का शोधन। 

(ix) प्लास्टिक शल्य क्रिया । 

(x) क्लोनिंग। 

उत्तर- 

(i) आम जनता को चेचक तथा पोलियो के टीके लगाकर इससे मुक्ति दिलाना अच्छा अनुप्रयोग है। 

(ii) निरक्षरता का विनाश करने तथा समाचारों एवं धारणाओं के जनसंचार के लिए टेलीविजन का अनुप्रयोग अच्छा है। 

iii) जन्म से पूर्व लिंग निर्धारण बुरा अनुप्रयोग है, क्योंकि इससे भ्रूण हत्या की सम्भावना अधिक होती है तथा जिसके   कारण लड़कों तथा लड़कियों की जनसंख्या समाज में सन्तुलित नहीं रहती है। 

(iv) कार्यदक्षता में वृद्धि के लिए कम्प्यूटर का अनुप्रयोग अच्छा है क्योंकि इससे कार्य को शीघ्रता से एवं अधिक शुद्धता से किया जा सकता है। 

(v) पृथ्वी के परितः कक्षाओं में मानव-निर्मित उपग्रहों की स्थापना करना अच्छा अनुप्रयोग है, क्योंकि इन उपग्रहों से हम मौसम की भविष्यवाणी, दूरसंचार तथा सुदूर संवेदन (Remote sensing) से क्षेत्रों की सूचना एकत्र कर सकते हैं। 

(vi) नाभिकीय शस्त्रों का विकास भविष्य के लिए बहुत बुरा है, क्योंकि इनका उपयोग संहारक कार्यों में हो सकता है। 

(vii) रासायनिक तथा जैव युद्ध की नवीन तथा शक्तिशाली तकनीकों का विकास बुरा कार्य है क्योंकि इनके प्रयोग से भी बड़े स्तर पर जनहानि की जा सकती है। 

(viii) पीने के लिए जल का शोधन अच्छा कार्य है, क्योंकि ऐसा करके हम अनेक ऐसी बीमारियों से अपना बचाव कर सकते हैं जो दूषित जल से होती हैं। 

(ix) प्लास्टिक शल्य क्रिया अच्छा कार्य है, क्योंकि इसके द्वारा दुर्घटना में जली हई त्वचा तथा विकृत त्वचा को ठीक किया जा सकता है। 

(x) क्लोनिंग अच्छा कार्य है, क्योंकि इसका प्रयोग हम जानवरों की अच्छी किस्म के विकास में कर सकते हैं, परन्तु मनुष्य की क्लोनिंग अच्छी नहीं है।

 

प्रश्न 12. भारत में गणित, खगोलिकी, भाषा विज्ञान, तर्क तथा नैतिकता में महान विद्वत्ता की एक लम्बी एवं अटूट परम्परा रही है। फिर भी इसके साथ, एवं समान्तर, हमारे समाज में बहुत से अंधविश्वासी तथा रूढ़िवादी दृष्टिकोण व परम्पराएँ फली-फूली हैं और दुर्भाग्यवश ऐसा अभी भी हो रहा है और बहुत से शिक्षित लोगों में व्याप्त है। इन दृष्टिकोणों का विरोध करने के लिए अपनी रणनीति बनाने में आप अपने विज्ञान के ज्ञान का उपयोग किस प्रकार करेंगे ?

 

उत्तर- केवल समाज को शिक्षित करके ही अनेक अतार्कित परम्पराएँ तथा अंधविश्वास दूर किये जा सकते हैं। इस कार्य में समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, रेडियो, टेलीविजन आदि माध्यम महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 


प्रश्न 13. यद्यपि भारत में स्त्री तथा पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त हैं, फिर भी बहुत से लोग महिलाओं की स्वाभाविक प्रकृति, क्षमता, बुद्धिमत्ता के बारे में अवैज्ञानिक विचार रखते हैं तथा व्यवहार में उन्हें गौण महत्व तथा भूमिका देते हैं। वैज्ञानिक तर्कों तथा विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों में महान महिलाओं का उदाहरण देकर इन विचारों को धराशायी करिए; तथा अपने को स्वयं, तथा दूसरों को भी समझाइए कि समान अवसर दिए जाने पर महिलाएँ पुरुषों के समकक्ष होती हैं। 

उत्तर- भारत पुरुष प्रधान देश रहा है। परन्तु पुरुषों की तुलना में महिलाएँ भी किसी मायने में कम नहीं हैं। मानव मस्तिष्क का विकास खनिजों एवं विटामिनों तथा चुनौतियों से होता है वह उपलब्धि जो एक पुरुष का मस्तिष्क प्राप्त कर सकता है एक महिला का मस्तिष्क भी प्राप्त कर सकता है। उदाहरण के लिए, मैडम क्यूरी (भौतिकविद्), इंदिरा गाँधी (भारत की पूर्व प्रधानमन्त्री), कल्पना चावला (खगोलशास्त्री), लता मंगेशकर, मदर टेरेसा, सरोजनी नायडू, पी. वी. सिन्धु आदि।

 

प्रश्न 14. "भौतिकी के समीकरणों में सुन्दरता होना उनका प्रयोगों के साथ सहमत होने की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है।" यह मत महान ब्रिटिश वैज्ञानिक पी.ए.एम. डिरैक का था। इस दृष्टिकोण की समीक्षा कीजिए। इस पुस्तक में ऐसे संबंधों तथा समीकरणों को खोजिए जो आपको सुन्दर लगते हैं।

 

उत्तर- ऊपर दिया गया, महान वैज्ञानिक पी.ए.एम. डिरैक का कथन सत्य है। उदाहरण के लिए, F = ma तथा E = mc² जैसे कुछ समीकरण सुन्दर, सरल एवं सुस्पष्ट समीकरण हैं। परन्तु सापेक्षिता सिद्धांत तथा भौतिक की कुछ अन्य नवीन शाखाओं में समीकरण जटिल होते हैं। प्रश्न 15. यद्यपि उपरोक्त प्रकथन विवादास्पद हो सकता है परन्तु अधिकांश भौतिक विज्ञानियों का यह मत है कि भौतिकी के महान नियम एक ही साथ सरल एवं सुन्दर होते हैं। डिरैक के अतिरिक्त जिन सुप्रसिद्ध भौतिक विज्ञानियों ने ऐसा अनुभव किया उनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं: आइंस्टाइन, बोर, हाइजेनवर्ग, चन्द्रशेखर तथा फाइनमैन। आपसे अनुरोध है कि आप भौतिकी के इन विद्वानों तथा अन्य महानायकों द्वारा रचित सामान्य पुस्तकों एवं लेखों तक पहुँचने के लिए विशेष प्रयास अवश्य करें। (इस पुस्तक के अंत में दी गई ग्रंथ-सूची देखिए) । इनके लेख सचमुच प्रेरक हैं। 

उत्तर - भौतिकी की पुस्तकों

 

प्रश्न 16. विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकें आपके मन में यह गलत धारणा उत्पन्न कर सकती हैं कि विज्ञान पढ़ना शुष्क तथा पूर्णतः अत्यंत गंभीर हैं एवं वैज्ञानिक भुलक्कड़, अंतर्मुखी, कभी न हँसने वाले अथवा खीसें निकालने वाले व्यक्ति होते हैं। विज्ञान तथा वैज्ञानिकों का यह चित्रण पूर्णतः आधारहीन है। अन्य समुदाय के मनुष्यों की भाँति वैज्ञानिक भी विनोदी होते हैं तथा बहुत से वैज्ञानिकों ने तो अपने वैज्ञानिक कार्यों को गंभीरता से पूरा करते हुए अत्यंत विनोदी प्रकृति तथा साहसिक कार्य करके अपना जीवन व्यतीत किया है। गैमो तथा फाइनमैन इसी शैली के दो भौतिक विज्ञानी हैं। ग्रंथ सूची में इनके द्वारा रचित पुस्तकों को पढ़ने में आपको आनन्द प्राप्त होगा। 

उत्तर- यह सत्य है कि वैज्ञानिक भी अन्य समुदायों के मनुष्यों की भाँति विनोदी होते हैं। गैमो तथा फाइनमैन इसी शैली के दो भौतिक विज्ञानी थे। विद्यार्थी इनके जीवन-चरित्र का अध्ययन करें। इन्होंने अपने वैज्ञानिक कार्यों को गंभीरता से पूरा करते हुए विनोदी प्रकृति तथा साहसिक कार्य करके अपना जीवन व्यतीत किया है।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top