ठोस अवस्था से संबन्धित प्रश्न उत्तर | Solid State Question Answer in Hindi

Admin
0

ठोस अवस्था से संबन्धित प्रश्न उत्तर  

ठोस अवस्था से संबन्धित प्रश्न उत्तर  | Solid State Question Answer in Hindi



प्रश्न 1. काँच की पुरानी खिड़कियाँ तल पर मोटी क्यों हो जाती हैं 

उत्तर:  काँच एक आभासी ठोस है जो अतिशीतित द्रव होता है। द्रव नीचे की ओर बहता है। अतः नीचे की ओर अपेक्षाकृत मोटाई अधिक हो जाती है।

 

प्रश्न 2. कार्बन डाइऑक्साइड आण्विक ठोस है जबकि सिलिका सहसंयोजकक्यों 

उत्तर - कार्बन डाइऑक्साइड के अणुओं के मध्य वाण्डर वाल्स बल पाया जाता है जबकि सिलिका में SiO2 अणु सहसंयोजक बन्ध द्वारा नेटवर्क (Network) बना लेते हैं।

 

प्रश्न 3. फ्रेंकेल दोष में ठोस के घनत्व पर प्रभाव नहीं पड़ता है जबकि शॉट्की दोष में ठोस का घनत्व कम हो जाता हैक्यों 

उत्तर - फ्रेंकेल दोष में कोई भी अवयव ठोस से बाहर नहीं जाता जबकि शॉट्की दोष में धनायन व ऋणायन ठोस से मुक्त हो जाते हैं।

 

प्रश्न 4. अनुचुम्बकीय पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर इसके भार में वृद्धि हो जाती हैक्यों ? 

उत्तर - अनुचुम्बकीय पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र में आकर्षित होता है अतः तुला के द्वारा भार में वृद्धि हो जाती है। यहाँ तुला का पदार्थ वाला पलड़ा चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है।

 

प्रश्न 5. चुम्बकीय क्षेत्र में प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के भार पर क्या प्रभाव पड़ता है ? 

उत्तर - चुम्बकीय क्षेत्र में प्रतिचुम्बकीय पदार्थ प्रतिकर्षित होता है अतः इसके भार में कमी हो जाती है।


प्रश्न 6. उपस्थित अंतराआण्विक बलों की प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित ठोसों को विभिन्न संवर्गों में वर्गीकृत कीजिए- 

पोटैशियम सल्फेट, टिन, बेंजीन, यूरिया, अमोनिया, जल, जिंक सल्फाइड, ग्रेफाइट, रूबिडियम, ऑर्गन, सिलिकन कार्बाइड।

 

उत्तर- आयनिक-पोटैशियम सल्फेट, जिंक सल्फाइड। 

धात्विक-टिन, रुबिडियम। 

आण्विक-बेन्जीन (अध्रुवीय), यूरिया (ध्रुवीय), अमोनिया (हाइड्रोजन बन्ध युक्त), जल (हाइड्रोजन बन्ध युक्त), ऑर्गन (अध्रुवीय)। 

सहसंयोजक- ग्रेफाइट, सिलिकन कार्बाइड।

 

प्रश्न 7. ठोस A, अत्यधिक कठोर तथा ठोस तथा गलित दोनों अवस्थाओं में विद्युत् रोधी है और अत्यन्त उच्च ताप पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस है ? 

उत्तर- सहसंयोजक (नेटवर्क ठोस)।

 

प्रश्न 8. आयनिक ठोस गलित अवस्था में विद्युत् चालक होते हैं, परन्तु ठोस अवस्था में नहीं, व्याख्या कीजिए। 

उत्तर- आयनिक ठोस के गलित अवस्था में आयन गतिशील होते हैं, जबकि ठोस अवस्था में गतिशील नहीं होते हैं, इसलिए ये विलयन व गलित अवस्था में विद्युत् के चालक होते हैं।

 

प्रश्न 9. किस प्रकार के ठोस विद्युत् चालक, आघातवयं और तन्य होते हैं ? 

उत्तर- धात्विक ठोस। 

प्रश्न 10. जालक बिन्दु से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर-त्रिविम जालक का प्रत्येक बिन्दु, जालक बिन्दु कहलाता है। 


प्रश्न 11. एकक कोष्ठिका को अभिलक्षणित करने वाले पैरामीटरों के नाम बताइए। 

उत्तर-(1) एकक कोष्ठिका के कोरों की लम्बाई (a, b, c), 

(ii) कोरों के मध्य के कोण (a, B, y) I

 

प्रश्न 13. स्पष्ट कीजिए कि एक घनीय एकक कोष्ठिका के- (i) कोने और (ii) अंतः केन्द्र पर उपस्थित परमाणु का कितना भाग सन्निकट कोष्ठिका से सहभाजित होता है ? 

उत्तर- 

(1) कोने पर उपस्थित परमाणु का भाग प्रत्येक अन्य सात उससे जुड़ी एकक कोष्ठिका से सहभाजित होता है। इसका कारण एककोष्ठिका का कोना आठ कोष्ठिकाओं में सहभाजित रहता है। 

(ii) घनीय एकक कोष्ठिका के अन्त: केन्द्र पर उपस्थित परमाणु किसी अन्य एकक कोष्ठिका से सहभाजित नहीं रहता है। 

प्रश्न 14. एक अणु की वर्ग निविड संकुलित परत में द्विविमीय उपसहसंयोजन संख्या क्या है ? 

उत्तर-4.

प्रश्न 15. जब एक ठोस को गरम किया जाता है, तो किस प्रकार का दोष अपन्न हो सकता है ? इसमें कौन से भौतिक गुण प्रभावित होते हैं और किस प्रकार ? 

उत्तर-ठोस को गरम करने पर रिक्ति दोष उत्पन्न हो जाता है। इससे ठोस का घनत्व कम हो जाता है क्योंकि कुछ आपन च को छोड़ कर बाहर चले जाते हैं। इससे ठोस अस्थिर भी हो जाता है।

 

प्रश्न 16. निम्नलिखित किस प्रकार का स्टॉइकियोभीदी दोष दर्शाते हैं ? 

(1) ZnS, (ii) AgBr. 

उत्तर-(1) फ्रँकेल दोष, (B) फेंकेल व शॉकी दोनों दोष।

 

प्रश्न 17. समझाइए कि एक उच्च संयोजी धनायन को अशुद्धि की तरह मिलाने पर आयनिक ठोस में रिक्तिकाएं किस प्रकार प्रविष्ट होती हैं? 

उत्तर- एक उच्च संयोजी धनायन दो या अधिक निम्न संयोजी धनायनों को विस्थापित करता है जिससे धनायन रिक्ति अपन्न हो जाती है।

 

प्रश्न 18. जिन आयनिक ठोसों में धातु आधिक्य दोष के कारण ऋणायनिक रिक्तिका होती है, वे रंगीन होते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरण की सहायता से समझाइए। 

उत्तर-धातु आधिक्य दोष में ऋणायन रिक्तियाँ, जालक बिन्दुओं से कुछ ऋणायनों के क्रिस्टल में बाहर चले जाने पर उत्पन्न होती है और इन रिक्त स्थानों पर इलेक्ट्रॉन आ जाते हैं, जिससे क्रिस्टल उदासीन रहता है। यह मुक्त इलेक्ट्रॉन दृश्य क्षेत्र में ऊर्जा अवशोषित कर क्रिस्टल को रंग प्रदान करता है और क्रिस्टल रंगीन दिखाई देता है। उदाहरणार्थ, NaCl को सोडियम वाप्य में गर्म करने पर क्रिस्टल की सतह पर सोडियम परमाणु जमा हो जाते हैं और CI आयन अपना स्थान छोड़कर सतह पर आ जाते हैं। ये सोडियम से क्रिया करते हैं तथा सोडियम अपना इलेक्ट्रॉन रिक्त स्थान को दे देता है। यह मुक्त इलेक्ट्रॉन दृश्य क्षेत्र में ऊर्जा अवशोषित कर क्रिस्टल को पीला रंग प्रदान करता है।

 

प्रश्न 19. वर्ग 14 के तत्व को -प्रकार के अर्द्ध-चालक में उपयुक्त अशुद्धि द्वारा अपमिश्रित करके रूपान्तरित करना है। यह अशुद्धि किस वर्ग से सम्बन्धित होनी चाहिए ? 

उत्तर- यह वर्ग 15 के तत्व द्वारा अपमिश्रित करना होगा।

 

प्रश्न 20. किस प्रकार के पदार्थों से अच्छे स्थायी चुम्बक बनाए जा सकते हैं, लोह चुम्बकीय अथवा फेरी चुम्बकीय ? अपने उत्तर का औचित्य बताइए। 

उत्तर-लोह चुम्बकीय पदार्थ अच्छे स्थायी चुम्बक बनाते हैं। 

औचित्य- लोह चुम्बकीय पदार्थ, चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय आपूर्णों की स्थायी क्रमिक व्यवस्था ग्रहण कर लेते हैं जो कि चुम्बकीय क्षेत्र के हटाने पर भी भंग नहीं होती है। इसलिए लोह चुम्बकीय पदार्थ से अच्छे स्थायी चुम्बक बनाये जाते हैं।

 

प्रश्न 21. 'अक्रिस्टलीय' पद को परिभाषित कीजिए। अक्रिस्टलीय ठोसों के कुछ उदाहरण दीजिए। 

उत्तर-वे ठोस जिनमें उनकी रचक इकाई नियमित व क्रमिक रूप से व्यवस्थित नहीं रहती है, अक्रिस्टलीय ठोस कहलाते उदाहरण-काँच, प्लास्टिक, रबर आदि।

 

प्रश्न 22. काँच, क्वार्ट्ज जैसे ठोस से किस प्रकार भिन्न हैं ? किन परिस्थितियों में क्वार्ट्ज को काँच में रूपान्तरित किया जा सकता है? 

उत्तर-काँच में मूल कणों का सूक्ष्म परास क्रम पाया जाता है। क्वार्ट्ज में मूल कणों का दीर्घ परास क्रम पाया जाता है। क्वार्ट्स को गरम करके शीघ्रता से ठण्डा करने पर यह काँच में रूपान्तरित हो जाता है।

 

प्रश्न 23. 'किसी क्रिस्टल की स्थिरता उसके गलनांक के परिमाण द्वारा प्रकट होती है।' किसी आँकड़ा पुस्तक से जलएचिल ऐल्कोहॉल, डाइएथिल ईथर तथा मेथेन के गलनांक एकत्र करें। इन अणुओं के मध्य अंतरा आण्विक बलों के बारे में आप क्या कह सकते हैं

उत्तर - अणुओं के मध्य अन्तरा आण्विक बल अधिक होने पर क्रिस्टल स्थायी माना जाता है। अणुओं के मध्य अन्तराधिक बल अधिक होने पर क्रिस्टल का गलनांक अधिक हो जाता है। अतः स्थायी क्रिस्टल का गलनांक उच्च होता है। जल व एथिल ऐल्कोहॉल के अणुओं के मध्य अन्तरा आण्विक हाइड्रोजन बन्ध के कारण इनके गलनांक उच्च होते हैं। जाल में एथिल ऐल्कोहॉल की अपेक्षा प्रबल हाइड्रोजन बन्ध के कारण इसका गलनांक अधिक होता है। डाइएथिल ईथर के अणुओं के मध्य द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्तरा आण्विक बल पाये जाते हैं। मेथेन अणुओं के मध्य केवल वाण्डरवाल्स बल उपस्थित हैं।

Post a Comment

0 Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top