प्रकाश-संश्लेषण कहाँ संपन्न होता है?
प्रकाश-संश्लेषण कहाँ संपन्न होता है?
- प्रकाश-संश्लेषण क्रिया हरी पत्तियों में तो संपादित होती ही है
लेकिन यह पौधों के अन्य सभी हरे भागों में भी होती है। क्या आप पौधे के कुछ अन्य
भागों के नाम बता सकते हैं,
जहाँ
प्रकाश-संश्लेषण संपादित हो सकता है?
- पत्तियों में मेसोफिल कोशिकाएं होती हैं। जिनमें अत्यधिक मात्रा में क्लोरोप्लास्ट होते हैं। सामान्यतः क्लोरोप्लास्ट मेसोफिल कोशिकाओं की भित्ति के साथ पंक्तिबद्ध होता है जिससे कि वे ईष्टतम मात्रा में आपतित प्रकाश प्राप्त कर सकें। आपके विचार से हरित लवक कब अपने सपाट पटल भित्ति के समानांतर पंक्तिबद्ध होते हैं? वे आपतित सूर्य के प्रकाश से कब लंबित होते होंगे?
- क्लोरोप्लास्ट में एक झिल्ली तंत्र होता है जिसमें ग्रैना, स्ट्रोमा लैमेले और स्ट्रोमा तरल होता है । क्लोरोप्लास्ट में सुस्पष्ट श्रम विभाजन होता है। झिल्ली तंत्र प्रकाश-ऊर्जा को ग्रहण करता है और एटीपी एवं एनएडीपीएच का संश्लेषण करता है।
- स्ट्रोमा में एंजाइमैटिक प्रतिक्रिया होती है जो शर्करा का संश्लेषण करता है जो बाद में स्टार्च में परिवर्तित हो जाता है। पहली वाली प्रतिक्रिया को प्रकाश अभिक्रिया (प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया) कहा जाता है, चूंकि यह पूर्णतः प्रकाश पर आधारित है।
- दूसरी प्रतिक्रिया प्रकाश अभिक्रिया के उत्पाद पर निर्भर होती है अर्थात् एटीपी तथा एनएडीपीएच, जो सैद्धांतिक रूप में अंधेरे में संपन्न होती हैं अतः इसे अप्रकाशी अभिक्रिया (कार्बन अभिक्रिया) कहते हैं।
प्रकाश-संश्लेषण में कितने प्रकार के वर्णक भाग लेते हैं?
- जब आप किसी पौधे को देख रहे होते हैं तो क्या कभी आश्चर्य हुआ है कि उसी पौधे में पत्तियों के हरे रंग में सूक्ष्म अंतर क्यों और कैसे है? हम इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए किसी भी हरे पादप के पर्णवर्णकों को पेपर क्रोमेटोग्राफी (कागज वर्णलेखिकी) द्वारा अलग कर सकते हैं।
- क्रोमेटोग्राफी से पता लगता है कि पत्तियों में स्थित वर्णक के कारण जो हरापन दिखाई देता है, वह किसी एक वर्णक के कारण नहीं, बल्कि चार वर्णकों: क्लोरोफिल ए (क्रोमेटोग्राफी में चमकीला अथवा नीला हरा), क्लोरोफिल बी (पीला हरा), जैन्थोफिल (पीला) तथा केरटीनोएड (पीले से नारंगी पीले) के कारण होता है।
वर्णक क्या होते हैं
वर्णक वे पदार्थ हैं जिनमें प्रकाश की विशिष्ट तरंगदैर्थ्यो को अवशोषित करने की क्षमता होती है। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि विश्व में कौन सा पादप वर्णक सर्वाधिक है? आइए, अब क्लोरोफिल ए वर्णक को ग्राफ में विभिन्न तरंगदैर्ध्यता में प्रकाश अवशोषण का अध्ययन करें आप स्पष्टतः प्रकाश के दृश्य स्पेक्ट्रम की तरंगदैर्ध्यता एवं विबग्योर (vibgyor) से परिचित हैं।
- चित्र को देखकर क्या
आप बता सकते हैं कि किस तरंगदैर्ध्य पर क्लोरोफिल 'ए' अधिकतम अवशोषण करेगा? क्या यह किसी अन्य तरंगदैर्ध्यता पर कोई अन्य अवशोषण चोटी
दिखाते हैं? यदि हाँ तो वे
कौन हैं?
- अब आप चित्र को देखें
जिसमें उन तरंगदैर्थ्यो को दिखाया गया है, जहाँ पर पादप में अधिकतम प्रकाश-संश्लेषण होता है। क्या आप
देख रहे हैं कि तरंगदैर्ध्य क्लोरोफिल 'ए'
अर्थात् नीला तथा
लाल क्षेत्र में अवशोषण करता है, उस क्षेत्र में प्रकाश-संश्लेषण की दर भी अधिकतम है। अतः हम
कह सकते हैं कि क्लोरोफिल 'ए' प्रकाश-संश्लेषण
के लिए एक प्रमुख वर्णक है लेकिन चित्र देखने पर क्या आप कह सकते हैं कि क्लोरोफिल 'ए' के अवशोषण
स्पेक्ट्रम तथा प्रकाश-संश्लेषण के क्रियात्मक स्पेक्ट्रम के बीच पूर्णतः परस्पर
ब्यापन है?
- ये ग्राफ, एक साथ यह बता रहे हैं कि अधिकतम प्रकाश-संश्लेषण स्पेक्ट्रम के नीले एवं लाल क्षेत्र में संपन्न होती है, और कुछ प्रकाश-संश्लेषण स्पेक्ट्रम की अन्य तरंगदैर्थ्यो पर भी संपन्न होती है। आइए, देखें कि यह कैसे होता है।
- यद्यपि क्लोरोफिल 'ए' प्रकाश को अवशोषित करने का मुख्य वर्णक है, फिर भी अन्य थाइलेकोइड में वर्णक जैसे क्लोरोफिल बी, जैन्थोफिल तथा केरोटिन, जिन्हें सहायक वर्णक कहते हैं, वे प्रकाश को अवशोषित करते हैं तथा अवशोषित ऊर्जा को क्लोरोफिल ए में स्थानांतरित कर देते हैं। वास्तव में ये वर्णक न केवल प्रकाश-संश्लेषण को प्रेरित करने वाली उपयोगी तरंगदैर्ध्य के क्षेत्र को बढ़ाते हैं बल्कि ये क्लोरोफिल 'ए' को फोटोऑक्सीडेसन से भी बचाते हैं।