पॉलीसैकेराइड न्यूक्लीक अम्ल
पॉलीसैकेराइड
- अम्ल अविलेय भाग में दूसरे श्रेणी के वृहत् अणुओं की तरह पॉलीसैकेराइड्स (कार्बोहाइट्रेडस) भी पाए जाते हैं। ये पॉलीसैकेराइड्स शर्करा की लंबी श्रृंखला होती है। यह श्रृंखला सूत्र की तरह (कपास के रेशे) विभिन्न प्रकार एकल सैकेराइड्स से मिलकर बने होते हैं।
- उदाहरणार्थ, सेलुलोज एक बहुलक पॉलीसैकेराइड होता है जो एक प्रकार के मोनोसैकेराइड जैसे ग्लूकोज का बना होता है। सेलुलोज एक सम बहुलक है। इसका एक परिवर्तित रूप स्टार्च (मंड) सेलुलोज से भिन्न होता है, लेकिन यह पादप ऊतकों में ऊर्जा भंडार के रूप में मिलता है। प्राणियों में एक अन्य परिवर्तित रूप होता है जिसे ग्लाइकोजन कहते हैं।
- इनूलिन फ्रुक्टोज का बहुलक है।
- एक पॉलीसैकेराइड श्रृंखला (जैसे ग्लाइकोजन) का दाहिना सिरा अपचायक व बाया सिरा अनअपचायक कहलाता है। यह शाखायुक्त होती है।
- मंड में द्वितीयक कुंडलीदार संरचना मिलती है। वास्तव में मंड में आयोडीन अणु इसके कुंडलीय भाग से जुड़े होते हैं। आयोडीन अणु मंड से जुड़कर नीला रंग देता है। सेलुलोज में उपरोक्त जटिल कुंडलियाँ नहीं मिलने के कारण आयोडीन इसमें प्रवेश नहीं कर पाता है।
- पादप कोशिका भित्ति सेलुलोज की बनी होती है। कागज पौधों की लुगदी से बना होता है जो सेलुलोज होता है। रूई के धागे सेलुलोज के बने होते हैं।
- प्रकृति में बहुत सारे जटिल पॉलीसैकेराइड्स मिलते हैं। ये अमीनो शर्करा व रासायनिक रूप से परिवर्तित शर्करा (जैसे ग्लूकोसमीन, एनएसीटाइल ग्लूकोसएमीन आदि) से मिलकर बने होते हैं। जैसे आर्थोपोडा के बाह्यकंकाल जटिल सैकेराइड्स काइटीन से बने होते हैं। ये जटिल पॉलीसैकेराइड्स अधिकतर समबहुलक होते हैं।
6 न्यूक्लीक अम्ल
- दूसरे प्रकार का एक वृहत् अणु जो किसी भी जीव ऊतक के अम्ल अविलेय अंश में मिलता है, उसे न्यूक्लीक अम्ल कहते हैं। यह पॉलीयूक्लीयोटाइडस होते हैं। यह पॉलीसैकेराइड्स व पॉली पेप्टाइड्स के साथ समाविष्ट होकर किसी भी जीव ऊतक या कोशिका का वास्तविक वृहत्आण्विक अंश बनाता है।
- न्यूक्लीक अम्ल न्यूक्लीयोटाइड से मिलकर बने होते हैं। एक न्यूक्लीयोटाइड तीन भिन्न रासायनिक घटकों से मिलकर बना होता है। पहला विषम चक्रीय यौगिक, दूसरा मोनोसैकेराइड व तीसरा फॉस्फोरिक अम्ल या फॉस्फेट होता है।
- न्यूक्लीक अम्ल में विषमचक्रीय यौगिक नाइट्रोजन क्षार जैसे ऐडेनीन, ग्वानीन, यूरेसील, साइटोसीन व थाईमीन होते हैं। ऐडेनीन व ग्वानीन प्रतिस्थापित प्यूरीन है तथा अन्य तीन प्रतिस्थापित पीरीमिडीन हैं। विषमचक्रीय वलय को क्रमशः प्यूरीन व पीरीमिडिन कहते हैं।
- पॉलीन्यूक्लीयोटाइड में मिलने वाली शर्करा या तो राइबोज (मोनोसैकेराइड पेंटोज) या डीऑक्सीराइबोज होती है। जिस न्यूक्लीक अम्ल में डीऑक्सीराइबोज मिलता है, उसे डीऑक्सीराइबोन्यूक्लीक अम्ल (डीएनए) व जिसमें राइबोज मिलता है, उसे राइबोन्यूक्लीक अम्ल (आरएनए) कहते हैं।