पादप एवं प्राणियों में संरचनात्मक संगठन|Structural organization in plants and animals

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पादप एवं प्राणियों में संरचनात्मक संगठन

पादप एवं प्राणियों में संरचनात्मक संगठन|Structural organization in plants and animals
 

पादप एवं प्राणियों में संरचनात्मक संगठन

  • पृथ्वी पर जीवन के विविध स्वरूपों का वर्णन केवल अवलोकन के आधार पर किया गया, जोकि पहले खुली आँखों से बिना किसी यांत्रिक मदद से था और बाद में आवर्धक लेंस और सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा किया गया। इस वर्णन में व्यापक तौर पर बाह्य एवं आंतरिक संरचनात्मक विशिष्टिता को ध्यान में रखा गया। इसके अतिरिक्त अवलोकनीय तथा इंद्रियगोचर (अववोधक) जीवन प्रतिभासों को भी वर्णन के एक भाग के रूप में आलेखित किया गया। 
  • प्रायोगिक जीव विज्ञान और अधिक स्पष्ट रूप में शरीर क्रिया विज्ञान या शरीर विज्ञान के पूर्णतः स्थापित होने से पहले प्रकृति विज्ञानियों ने केवल जीव विज्ञान के एक हिस्से का वर्णन किया था। यद्यपि, पर्याप्त समय तक जीव विज्ञान भी प्राकृतिक इतिहास के रूप में रहा। विस्तृत विवरण की दृष्टि से यह वर्णन आश्चर्यपूर्ण था। 


कैथेराइन एसाव का जीवन परिचय

  • कैथेराइन एसाव का जन्म 1898 में यूक्रेन में हुआ था। आपने रूस और जर्मनी में कृषि विज्ञान पर अध्ययन किया और संयुक्त राज्य अमेरिका से 1931 में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। आपने अपने प्रारंभिक प्रकाशनों में यह बताया था कि कर्ली टाप वाइरस पौधे में आहार-चालन या फलोएम ऊतक द्वारा फैलता है। डा० एसाव की 1954 में प्रकाशित पादप शरीर (प्लांट एनोटोमी) ने एक परिवर्तनात्मक एवं विकासात्मक उपागम को अपनाया जिससे पादप संरचना के बारे में समझ व्यापक हुई, तथा पूरे विश्वभर में अथाह प्रभाव छोड़ा। अर्थात् सीधे सीधे इस विशेष विज्ञान में पुनर्जागरण ला दिया। 

  • सन् 1960 में, कैथेराइन एसाव की एनाटॉमी ऑफ सीड प्लांटस (बीज पादपों का शारीर) प्रकाशित हुई। इसे वेबेस्टर ऑफ प्लांट बॉयलोजी एवं इनसाइक्लोपीडिया (विश्व कोश) के रूप में संदर्भित किया गया था। सन् 1957 में, आपको नेशनल ऐकेडिमीक ऑफ साइंसेज के लिए चुना गया और आप इस सम्मान को पाने वाली 6वीं महिला बनीं। इस सम्मानीय पुरस्कार के अतिरिक्त आपने यू.एस.ए. के राष्ट्रपति जार्ज बुश से 1989 में नेशनल मेडल आफ साइंस भी प्राप्त किया। 
  • जब 1997 मे केथेराइन एसाव मृत्यु की गोद में समा गए तब मिसूरी बॉटेनकल गार्डेन, एनाटॉमी एवं मार्कोलाजी के निदेशक पीटर रैवेन ने याद करते हुए कहा था, 'वह 99 वर्षों की आयु तक पादप जीवविज्ञान के क्षेत्र में' 'परिपूर्ण प्रभुत्व' युक्त बनी रहीं।

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