तत्व परमाण्विक द्रव्यमान मात्रक
तत्व (Elements)
- पदार्थ तत्व या योगिकों के बने हो सकते हैं। एक तत्व एक पदार्थ है जिसे रासायनिक विधियों द्वारा सरल पदार्थों में अलग नहीं किया जा सकता है। अब तक 118 तत्वों को निश्चित रूप से पहचाना जा चुका है। जिनमें से 83 तत्व पृथ्वी में प्राकृतिक रूप में पाये जाते हैं। और शेष को वैज्ञानिकों ने कृत्रिम रूप से नाभकीय क्रिया पद्धतियों (प्रक्रमों) द्वारा संशलेषित किया है।
- सुविधा के लिये रसायन शास्त्रीयों ने तत्वों को एक, दो या तीन अक्षरों से बने संकेतों द्वारा प्रदर्शित किया है। संकेत का पहला अक्षर सदैव बड़ा अक्षर होता है। जब शेष अक्षर बड़े नहीं होते हैं। उदाहरण के लिये Co कोबाल्ट तत्व का संकेत है जबकि CO कार्बन मोनोक्साइड अणु का सूत्र है। तालिका-1 में अधिक प्रचलित तत्वों में से कुछ के नाम व संकेत दिये हैं। तत्वों की पूर्ण सूचि पुस्तक के मुख्य पृष्ठ के पीछे दी गई है। कुछ तत्वों के संकेत उनके लेटिन नामों से लिये गये हैं। उदाहरणतया Au को औरम (सोना) से, Fe को फेरम (लोहा) से और Na को नट्रियम (सोडियम) से है जबकि अधिकतर नाम इंगलिश नामों से आये हैं।
- रसायन शास्त्री अणुओं के संघटन के प्रदर्शित करने के लिये किये रासायनिक सूत्रों तथा आयनिक यौगिकों को प्रदर्शित करने के लिए रासायनिक संकेतों का प्रयोग करते हैं। संघटन का अर्थ न केवल तत्वों के उपस्थिति से है बल्कि परमाणु किस अनुपात में संयोग करते हैं से भी है। यहाँ हमारा सम्बन्ध दो प्रकार के सूत्रों से है। आणिवक सूत्र और मूलानुपाति सूत्र।
SI मात्रक (पुनरावृत्ति)
- जीवन के हर क्षेत्र में मापन की आवश्यकता है। जैसा कि आप जानते हैं हर मापन के लिए एक 'मात्रक' या एक 'निश्चित मानक' की आवश्यकता होती है। विभिन्न देशों ने मात्रकों की भिन्न-भिन्न प्रणालियाँ विकसित कीं। इससे एक देश को दूसरे देश के साथ व्यापार आदि में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। वैज्ञानिकों को अक्सर एक दूसरे के आंकड़े इस्तेमाल करने पड़ते थे इससे उन्हें अत्यधिक परेशानी होती थी। प्रयोग में लाने के लिए, पहले आंकड़ों को स्थानीय प्रणाली में बदलना पड़ता था।
- सन् 1960 में, 'General Confrence of Weights and Measures' मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने मीट्रिक प्रणाली पर आधारित एक नई प्रणाली को प्रस्तावित किया। इसे 'International System of Units' कहा गया, इसको संक्षेप में SI लिखते हैं जोकि इसके फैंच नाम 'System Internationale unites' से लिया गया है। आप अपनी पिछली कक्षाओं में SI मात्रकों के बारे में पढ़ चुके हैं और जानते हैं कि ये सात मौलिक मात्रकों पर आधारित हैं जो सात मौलिक भौतिक राशियों के संगत हैं। अन्य भौतिक राशियों के मात्रकों की व्युत्पत्ति मूल मात्रकों से की जाती है। सात मौलिक SI मात्रकों को सारणी 1.2 में दिया गया है।
- बहुत बड़ी या बहुत छोटी राशियों को मापने के लिए इन मात्रकों के गुणजों और अपवर्तकों का प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक के लिए प्रतीक हैं जिन्हें मात्रकों में उपसर्ग की तरह लगाया जाता है। उदाहरण के लिए लंबी दूरी को नापने के लिए किलोमीटर मात्रक का प्रयोग किया जाता है, यह लंबाई के मौलिक मात्रक मीटर का गुणांक है। यहाँ 10' गुणज के लिए किलो उपसर्ग है। इसे k से निरूपित करते हैं जिसे मीटर के प्रतीक m के आगे लगाया जाता है।
द्रव्यमान और कणों की संख्या में संबंध
- मान लीजिए आप 500 पेंच (स्क्रू) खरीदना चाहते हैं। आप क्या सोचते हैं, दुकानदार आपको यह संख्या कैसे देगा? प्रत्येक पेंच गिनकर? नहीं, वह उन्हें तोल कर देगा क्योंकि गिनने में उसे बहुत समय लगेगा। यदि प्रत्येक पेंच का भार 0.8 g है तो वह 400 g पेंच तोलेगा क्योंकि (0.8 × 500 = 400 g) यह 500 पेंचों का भार है। आपको आश्चर्य होगा कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया सिक्कों की इच्छित संख्या तोलकर देता है गिनकर नहीं। जैसे-जैसे वस्तुओं की संख्या बड़ी होती जाती है यह तोल से गिनती का प्रक्रम बहुत मेहनत बचाने वाला होता जाता है। हम इस प्रक्रम का उल्टा भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर हम 5000 बहुत छोटी कमानी (स्प्रिंग, जो घड़ियों में प्रयोग होते हैं) लें, और उनका भार लें। यदि इनका भार 1.5g हो तो हम प्रत्येक स्प्रिंग का भार ज्ञात कर सकते हैं 1.5g 5000 = 3 × 10-4 g
- अतः हम देख सकते हैं कि समान वस्तुओं या कणों के लिए द्रव्यमान और संख्या अंतरसंबंधि त होते हैं। परमाणु व अणु बहुत ही सूक्ष्म कण होते हैं इसलिए प्रत्येक को गिनना या तोलना असंभव है। इस कारण हमें अणुओं और परमाणुओं (कण) के द्रव्यमान और संख्या के बीच संबंध की आवश्यकता है। यह संबंध 'मोल' की संकल्पना से प्राप्त होता है।
मोल - एक संख्या मात्रक
- अणु या परमाणु का द्रव्यमान एक महत्त्वपूर्ण गुण धर्म है। परंतु रासायनिक अभिक्रिया के मात्रात्मक आयाम की चर्चा करते हुए, क्रिया करने वाले अणुओं या परमाणुओं की संख्या उनके द्रव्यमान से अधिक महत्त्वपूर्ण होती है।
आवगाद्रो स्थिरांक
- उपर्युक्त 'मोल' की परिभाषा हमें एक विधि देती है जिससे यदि हमें मौलिक कणों की संख्या ज्ञात हो तो हम उस पदार्थ की मात्रा (मोलों में) निकाल सकते हैं और इसका उलट यानि 'मोलों' की संख्या ज्ञात होने पर मौलिक कणों की संख्या निकाल सकते हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि 0.012kg या 12g कार्बन-12 में कितने परमाणु होते हैं? प्रयोगों द्वारा यह प्रमाणित हो चुका है कि यह संख्या 6.022045 × 1023 है। अत: 1 mol = 6.022045 × 1023 कण या सत्ताएँ। व्यावहारिक रूप से यह संख्या 6.022 × 1023 लिखी जाती है।
- इस संख्या की कल्पना सबसे पहले इटली के वैज्ञानिक एमीडो आवगाद्रो ने की थी। किन्तु वे इसका मान नहीं ज्ञात कर पाए थे। इसका मान बाद में निर्धारित किया गया और उनके सम्मान में इसे आवगाद्रो स्थिरांक कहा गया।
आवगाद्रो स्थिरांक की सार्थकता
- आप जानते हैं कि 0.012kg या 12g कार्बन- 12 में एक मोल कार्बन परमाणु होते हैं। मोल को परिभाषित किया जा सकता है किसी पदार्थ की वह मात्रा जिसमें 6.022 × 1023 मौलिक कण जैसे अणु परमाणु आदि होते हैं। जब हम एक मोल कार्बन-12 कहते हैं तो हमारा तात्पर्य 6.022 × 1023 कार्बन-12 के परमाणु जिनका द्रव्यमान 12g से होता है, यह द्रव्यमान कार्बन-12 का मोलर द्रव्यमान कहलाता है। एक मोल पदार्थ का द्रव्यमान (ग्राम में) मोलर द्रव्यमान कहलाता है। किसी पदार्थ के एक मोल में 6.022 × 1023 कण या मौलिक सत्ताएँ होंगी।
परमाण्विक द्रव्यमान मात्रक (Atmoic mass unit)
- अंतर्राष्ट्रीय समझौते के अनुसार, परमाण्विक और आण्विक द्रव्यमानों के लिए द्रव्यमान का एक मात्रक निर्धारित किया गया। इसे 'परमाण्विक द्रव्यमान मात्रक' कहते हैं जिसका प्रतीक 'amu' है। एक C-12 परमाणु का द्रव्यमान 12 amu लिया जाता है। अतः C-12 परमाणु मानक की तरह कार्य करता है। परिभाषा के अनुसार 'परमाण्विक द्रव्यमान मात्रक' वह द्रव्यमान है जो कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के 1/12 वाँ भाग के बराबर है।
- परमाण्विक द्रव्यमान इकाई को 'एकीकृत परमाण्विक द्रव्यमान मात्रक' (unified atomic mass unit) भी कहा जाता है जिसका प्रतीक 'u' है। परमाण्विक द्रव्यमान इकाई का दूसरा नाम डाल्टन (प्रतीक Da) है। इसका प्रयोग मुख्यतः जीवविज्ञान में होता है।
6 सापेक्षिक परमाणु और अणु द्रव्यमान
- आप जानते हैं कि परमाणु द्रव्यमान पैमाना C-12 परमाणु (12C की तरह भी लिख सकते हैं), के सापेक्षिक है जिसे मानक चुना गया है। इसका द्रव्यमान ठीक 12 लिया जाता है। कोई भी अणु या परमाणु C-12 के परमाणु द्रव्यमान के वाँ भाग से कितना गुना अधिक भारी है, यह संख्या 12 अणु या परमाणु का सापेक्षिक द्रव्यमान कहलाती है। अक्सर हम विभिन्न समस्थानिक वाले तत्वों या यौगिकों का प्रयोग करते हैं इसलिए हम परमाणुओं और अणुओं के औसत द्रव्यमान लेते हैं।
परमाण्विक, आण्विक और सूत्र द्रव्यमान
- परमाणु द्रव्यमान मात्रक की परिभाषा के आधार पर हम परमाणु द्रव्यमानों का परिकलन कर सकते हैं। आइए O-16 जिसका सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान 16 है का उदाहरण लें। परिभाषा अनुसार O-16 का सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान 16 = 0-16 के एक परमाणु का द्रव्यमान C-12 परमाणु के द्रव्यमान का 1वाँ 12 1 क्योंकि 1 amu = C-12 परमाणु के द्रव्यमान का वाँ भाग 12 0-16 के एक परमाणु का द्रव्यमान 1 amu ... 16 = 0-16 के 1 परमाणु का द्रव्यमान = 16 amu या O-16 का परमाणु द्रव्यमान = 16 amu. भाग
- इस उदाहरण से हम देख सकते हैं कि सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान और परमाणु द्रव्यमान का सांख्यिक मान समान है। केवल पहली संख्या का कोई मात्रक नहीं है जबकि दूसरी संख्या का मात्रक amu है।
- अणुओं के संघटक परमाणुओं और सूत्र इकाई के संघटक आयनों के परमाणु या आयनी द्रव्यमानों का योग लेने से आण्विक और सूत्र द्रव्यमान निकाले जा सकते हैं। आइए, निम्नलिखित उदाहरणों की सहायता से इस परिकलन को समझें।
मोलर द्रव्यमान
- हम जानते हैं कि 1 मोल पदार्थ का द्रव्यमान मोलर द्रव्यमान कहलाता है। यह भी कि किसी पदार्थ के 1 मोल में 6.022 × 1023 मौलिक सत्ताएँ होती हैं।
- अतः मोलर द्रव्यमान = 6.022 × 1023 मौलिक सत्ताओं का द्रव्यमान
(ii) आण्विक पदार्थ का मोलर द्रव्यमान
- आण्विक पदार्थों के लिए मौलिक सत्ता अणु होते हैं। अतः ऐसे पदार्थ का मोलर द्रव्यमान उसके 6.022 × 1023 अणुओं का द्रव्यमान होगा, जोकि उसके सापेक्ष अणु द्रव्यमान से निकाला जा सकता है या पदार्थ के 1 मोल में उपस्थित तत्वों के मोलर द्रव्यमानों को प्रत्येक के मोलों की संख्या से गुण कर के और फिर उनका योग करने पर प्राप्त किया जा सकता है।
- आइए, इसे जल, H₂O के उदाहरण से समझें। इसका सापेक्ष अणु द्रव्यमान 18 है। अतः 18 g में 6.022 × 1023 पानी के अणु होंगे। इसलिए इसका मोलर द्रव्यमान 18 g mol-1 हुआ। अन्यथा, इसका परिकलन ऐसे भी हो सकता है : H2O का मोलर द्रव्यमान = (2 × H का मोलर द्रव्यमान) + (O का मोलर द्रव्यमान) = (2x 1 g mol-1) + (16 g mol-1) = 18 g mol-1 सारणी 1.5 में कुछ पदार्थों के अणु द्रव्यमान और मोलर द्रव्यमान दिए गए हैं।
आयनी यौगिकों के मोलर द्रव्यमान
- आयनी यौगिक का मोलर द्रव्यमान उसके 6.022 × 1023 सूत्र इकाइयों का द्रव्यमान होता है। इसे पदार्थ के इकाई सूत्र में उपस्थित आयनों के मोलर द्रव्यमानों का योग करके भी निकाला जा सकता है। NaCl के लिए इसका परिकलन इस प्रकार होगा :
- NaCl का मोलर द्रव्यमान = Na+ का मोलर द्रव्यमान + CI का मोलर द्रव्यमान = (23 g mol-1) + (35.5 g mol-1) = 58.5 g mol-1 आयनी यौगिकों के कुछ और उदाहरण लेकर उनके मोलर द्रव्यमान का परिकलन करते हैं।